spectrum kya hota hai ?

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  • Post published:09/11/2022
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  • Post last modified:09/11/2022

Spectrum kya hota hai – भारत सरकार द्वारा घोषित किया गया है या (Department of telecommunications, जिसे हम हिंदी में दूरसंचार) के नाम से जानते हैं जिन्होंने जानकारी दी है कि 1 march से 5G स्पेक्ट्रम की बोली लगना शुरू हो जाएगी जिसमें Reliance Jio Company में सबसे ज्यादा पैसे दिए हैं उसके बाद Airtel ने और फिर उसके बादVodafone Idea Vi कंपनियों को उनका स्पेक्ट्रम मिल जाएगा और वह अपने ग्राहकों को 5G सुविधा दे पाएंगे।

भारत सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं कि पूरे देश को डिजिटल जोड़ा जाए और सबको एक टेक्नोलॉजी की मदद से एक साथ जोड़ा जाए तो यह प्रक्रिया विभिन्न कंपनियों द्वारा चलाई जा रही है जैसे जिओ, एयरटेल, Vodafone Idea ( Vi ) इत्यादि कंपनियां है जो लोगों को आपस में जोड़ने के लिए और भारत को आधुनिक भारत बनाने के लिए मदद करती है उसी प्रकार टेक्नोलॉजी को चलाया या निर्देशित इन कंपनियों द्वारा किया जाता हैं।

Spectrum kya hota hai ?

जैसे-जैसे समय बीतता है वैसे ही कुछ परिवर्तन किए जाते हैं जैसे 2G के बाद 3G आया ,3G के बाद 4G आया और 4जी के बाद अब भारत में भी 5G आने वाला हैं क्योंकि कुछ दिनों पहले भारत सरकार ने कहां था कि 1 मार्च को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू कर देंगे जिससे लोग आपस में आसानी से जुड़ने के लिए और अपना काम जल्दी से कर पाएंगे और वह आधुनिक भारत के साथ आगे बढ़ने के लिए मदद करेंगे।Verizon द्वारा 2018 में 5G सुविधा पूरे विश्व में सबसे पहले लाया था |

बीते शुक्रवार को दूरसंचार या डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस ( DOT )द्वारा सूचना दी गई कि रिलायंस जिओ ने 5G स्पेक्ट्रम band में पैसे लगाने के लिए 10 हजार करोड़ वही दूसरी टेलीकॉम कंपनियों द्वारा एयरटेल ने 3 हजार करोड़ और Vi द्वारा 475 करोड़ दिए गए हैं 5G स्पेक्ट्रम खरीदने के जिसे हम Earn money deposit भी कह सकते हैं|

स्पेक्ट्रम को हम कह सकते हैं कि कई चीजों से मिलकर बना होता है जिससे हम signal जल्द से जल्द एक दूसरे के पास ट्रांसफर हो जाए बिना किसी रूकावट के जैसे हम किसी से बात करते हैं तो हम सोचते हैं कि जब हम किसी के पास कॉल करते हैं तो हम देखते हैं कि फोन कॉल तुरंत नहीं लग जाता कुछ समय लेता है इस समय में यह प्रक्रिया काम करती है कि एक टावर से दूसरे टावर के पास signal भेजता है जिस दौरान फोन कॉल लगाते हैं तब यह प्रक्रिया काम करती है।

भारत में यह प्रक्रिया 1980 में शुरू हुई जब ISRO ने band with spectrum की शुरुआत की जिससे भारत सरकार को भी फायदा हो और लोगों को भी आपस में काम करने के लिए आसानी हो।

Band यह शादी वाला बैंड नहीं है यह सिग्नल को ट्रांसफर करने वाला बैंड है जो हमारे सिग्नल को airwave की सहायता से एक mobile tower से दूसरे mobile tower पर ट्रांसफर करता है मतलब local area network ( LAN ) से Wide Area Network ( WAN ) पर , वाइड एरिया नेटवर्क से वायरलेस एरिया नेटवर्क पर या लोकल एरिया नेटवर्क से वायरलेस एरिया नेटवर्क पर इत्यादि चीजें में शामिल हैं यह सब global system for mobile communications ( GSM ) के अंतर्गत यानी इसके अंदर काम करते हैं।

GSM क्या होता है ?

ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन( Global System For Mobile Communication ) यह यूरोपियन टेलीकॉम कंपनियों द्वारा बनाया गया है जिसने सबसे पहले 2G स्पेक्ट्रम को बढ़ावा दिया है जो हमारे नेटवर्क को दूसरे नेटवर्क से जोड़ कर रखता है जब हम इंटरनेट का इस्तेमाल यानी मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। तो

GSM के अंदर

बिना डाटा ऑन हुए हम इंटरनेट द्वारा जितने भी फीचर है उनका इस्तेमाल अब नहीं कर पाते हैं क्योंकि वह उस समय नेटवर्क से नहीं जुड़ा होता है जिसके कारण हमारे मोबाइल में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है और हर टेलीकॉम कंपनी ने अपने कंपनी के रिचार्ज प्लान fix किया हुआ है जो GSM के अंदर ही यह जानकारी फीड रहती है किसका कितना प्लान है और उसी के हिसाब से हमारा नेटवर्क डाटा खत्म होने के बाद हमारा इंटरनेट नेटवर्क बंद हो जाता है कहने का मतलब यह है कि हमारे नेटवर्क को एक दूसरे से जोड़े रखता है।

भारत सरकार कैसे टेलीकॉम कंपनियों को spectrum देती है ?

दूरसंचार विभाग का कहना है कि टेलीकॉम कंपनी कोई भी बैंड खरीद सकते हैं और उन्हें पहले पैसा जमा करना होगा चाहे वह एयरटेल, jio सभी का डोमेन अलग-अलग होगा कहने का मतलब यह है सभी का स्पेक्ट्रम का नाम अलग-अलग होगा जिससे सरकार को पता रहे कि उन्होंने किस कंपनी को कौन सा डोमेन नेम दिया है।

जैसे जब कोई बच्चा किसी विद्यालय में पढ़ता है तो का मूल्यांकन किया जाता है उसमे कितनी काबिलियत है इन सब का जायजा लेने के लिए विद्यालय द्वारा स्कोर कार्ड दिया जाता है और वह आसानी से बच्चे की क्या कमी है, क्या खूबियां है  उनके Parents  को बता दी जाती है और उसी हिसाब से  टीचर  और  उनके Parents  अपने बच्चे पर  उतना ध्यान देते हैं।

भारत सरकार के निर्देश

 उसी प्रकार जब भारत सरकार  के पास स्पेक्ट्रम  की सुविधा उपलब्ध हो जाती है  तो वह उन कंपनियों को देते हैं जो अपने ग्राहकों को अच्छी तरीके से संतुष्टि अपने ग्राहकों या उपयोगकर्ताओं को करा पाए जैसे भारत सरकार का लक्ष्य है कि भारत को डिजिटल किया जाए और इस मुहिम में कौन सी कंपनी कितना योगदान दे रही है और गांवों में लोगों को कितनी सुविधाएं कंपनियों के द्वारा मिल रही है उनके नेटवर्क के द्वारा और कई चीजें शामिल है, इन सभी चीजों में जो कंपनी ज्यादा कार्यरत और अच्छी तरीके से काम कर रही है उसी के हिसाब से उनको spectrum दिया जाता है |

जिसे हम point कह सकते हैं जिसमें Jio को 73007 पॉइंट मिले हैं हैं, Airtel को 24924 पॉइंट है और हमारे Vi को 6153 पॉइंट मिले हैं।

भारत सरकार का कहना है कि तीनों टेलीकॉम कंपनियों ने अपनी कंपनी के लिए पैसे निवेश है जिससे हमारा भारत डिजिटल इंडिया की ओर तेजी से बढ़ेगा और हमारे भारत देश की Growth भी उतनी तेजी से होगी और सभी को अच्छी Quality का नेटवर्क मिलेगा।

उम्मीद हैं आपको इससे 5g के बारे मे बहुत कुछ जानने को मिला होगा और Spectrum क्या है ये भी समझ गए होंगे इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे और हमारे ब्लॉग को फ्री मे सबस्क्राइब कर लीजिए |

Himanshu Author at technicohimanshu.com

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